गाजियाबाद नगर निगम ने आवारा पशुओं को रखने के लिए एक पार्क का निर्माण कार्य बाद में शुरू किया लेकिन उसके रखरखाव की ज़िम्मेदारी तीन महीने पहले ही एक संस्था को सौंप दी गई। सूचना के अधिकार के तहत पूछे गए सवालों के जवाब से पता चलता है कि नंदी पार्क का निर्माण कार्य तो 12 दिसंबर 2007 को शुरू हुआ लेकिन इसके रखरखाव की जिम्मेदारी तीन महीने पहले ही लखनऊ की एनजीओ समाजोत्थान सेवा संस्थान को सौंप दी गई। और पार्क के रखरखाव के लिए गाजियाबाद नगर निगम द्वारा प्रतिमाह 98200 भी खर्च किए गए।
सूचना अधिकार जागृति अभियान समिति के उपाèयक्ष एडवोकेट मनमोहन शर्मा ने नगर निगम से इस सम्बन्ध में सूचना मांगी थी।निगम द्वारा दी गई जानकारियों खुद उसकी गड़बिड़यों की पोल खोलती हैं। दी गई जानकारी के मुताबिक 15 मई 2008 तक पार्क में कुल 171 नंदी(आवारा सांड ) लाये गए हैं जिनमें 55 की मौत हो चुकी है।
सूचना अधिकार जागृति अभियान समिति के उपाèयक्ष एडवोकेट मनमोहन शर्मा ने नगर निगम से इस सम्बन्ध में सूचना मांगी थी।निगम द्वारा दी गई जानकारियों खुद उसकी गड़बिड़यों की पोल खोलती हैं। दी गई जानकारी के मुताबिक 15 मई 2008 तक पार्क में कुल 171 नंदी(आवारा सांड ) लाये गए हैं जिनमें 55 की मौत हो चुकी है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें