शनिवार, 15 नवंबर 2008

आमना बेगम का बना राशन कार्ड

सुंदरनगरी की रहने वाली आमना बेगम ने सूचना के अधिकार की बदौलत राशन कार्ड बनवाने में सफलता पाई है। जो राशन कार्ड कई महीनों से नहीं बन रहा था, वह आरटीआई की एक अर्जी से बनकर घर आ गया। आमना बेगम ने 2007 में राशन कार्ड बनवाने के लिए आवेदन दिया था। नियमानुसार आवेदन दाखिल करने के 45 दिनों बाद राशन कार्ड मिल जाना चाहिए था, जो मई 2008 तक नहीं बना। राशन कार्ड न बनते देख आमना बेगम ने 31 मई 2008 को आरटीआई अर्जी दाखिल कर दी और खाद्य एवं आपूर्ति कार्यालय से आवेदन पर की गई दैनिक प्रगति रिपोर्ट की जानकारी मांग ली। एक महीने बाद विभाग का जो जवाब आया, वह गोलमोल था। जवाब में कहा गया कि दैनिक प्रगति रिपोर्ट नहीं दी जा सकती और राशन कार्ड अभी पाइपलाइन में हैं। जवाब से असंतुष्ट आमना ने प्रथम अपीलीय अधिकारी एस एस राठोर के समक्ष प्रथम अपील दायर की। अपील पर कारवाई करते हुए अपीलीय अधिकारी ने आदेश दिया कि 6 अक्टूबर को आमना को राशन कार्ड मिल जाना चाहिए। आमना बेगम 6 अक्टूबर को जब राशन कार्ड लेने दफ्तर गई तब भी कार्ड नहीं मिला। अपीलीय अधिकारी के आदेश के बावजूद भी कार्ड न बनने पर उन्हें चिट्ठी भेजी गई। चिठ्ठी भेजने के दो दिन बाद ही आमना के घर राशन कार्ड बनकर आ गया।

कोई टिप्पणी नहीं: