गुरुवार, 16 अक्तूबर 2008

सुधर जाइए रजिस्ट्रार साहब!

जुर्माने पर जुर्माना लगने के बाद भी गुजरात विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार एवं लोक सूचना अधिकारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। आरटीआई आवेदनों की अनदेखी करने पर सितंबर माह में उन पर तीन जुर्माने लगे हैं। 10,25,25 हजार के तीनों जुर्मानों की राशि उनके वेतन से वसूली जाएगी। हाल ही में रजिस्ट्रार पर संस्कार ऐजुकेशन ट्रस्ट के प्रदीप जेसवाल के आवदेन का जवाब न देने पर 25 हजार का जुर्माना लगा है। जेसवाल ने ट्रस्ट द्वारा संचालित विभिन्न कॉलेजों का गुजरात विश्वविद्यालय में जमा किए गए धन का ब्यौरा मांगा था। आयोग के समक्ष जेसवाल ने बताया कि आवेदन दाखिल करने के बाद वे दो बार रजिस्ट्रार से मिले और उन्हें सूचना देने को कहा लेकिन अब तक सूचना नहीं दी गई। रजिस्ट्रार ने अपना बचाव करते हुए दलील दी कि अधिक कार्यभार और परीक्षा प्रारंभ होने के कारण वे सूचना नहीं दे पाए। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय में अनेक कॉलेज धन जमा करते हैं। इस कारण रिकॉर्ड ढूंढ़ने में काफ़ी वक्त लगता है। आयोग ने इन दलीलों को सिरे से खारिज करते हुए उन्हें 25 हजार रूपये जुर्माने के रूप में दो किश्तों में भरने के आदेश दिए। साथ ही चेतावनी दी कि यदि वह ऐसे ही कानून की अवहेलना करते रहे तो सर्विस रूल्स के तहत उनके खिलापफ अनुशासात्मक जांच के आदेश दिए जा सकते हैं।

इससे पहले आयोग ने रजिस्ट्रार पर 25 हजार जुर्माना पंकज श्रीमाली की अपील की सुनवाई के बाद लगाया था। श्रीमाली ने अपने आवेदन में विश्वविद्यालय की दाखिला प्रक्रिया, चयन समिति की कार्यप्रणाली, विशेष मामलों में दिए गए दाखिलों से जुडे़ 21 प्रश्न आवेदन में किए गए थे। लोक सूचना अधिकारी से जवाब न मिलने पर आयोग में इसकी शिकायत की गई। रजिस्ट्रार ने यहां तर्क दिया कि पूछे गए 21 प्रश्नों की विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों से जानकारी लेने में कापफी समय लगता है। साथ ही कहा कि प्रशासनिक कार्यभार और बहुत सी जायज परेशानियों के कारण भी समय पर सूचनाएं नहीं दी जा सकीं। रजिस्ट्रार की यह दलील आवेदन दाखिल करने के 16 महीने बाद दी गई थी। यहां भी आयोग ने उनकी दलीलों को कमजोर पाया और उन्हें 25 हजार रूपये भरने के आदेश दिए थे। इसी माह एक अन्य मामले में भी गुजरात विश्वविद्यालय के ही आर्ट्स फेकेल्टी के डीन प्रदीप प्रजापति की अपील की सुनवाई के बाद रजिस्ट्रार पर 10 हजार का जुर्माना लग चुका है।


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