गैर अनुदान प्राप्त प्राईवेट मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज अब सूचना के अधिकार से नहीं बच पाएंगे। महाराष्ट्र में नागपुर और अमरावती क्षेत्र के सूचना आयुक्त विलास पाटिल ने अपने एक अहम पफैसले में सभी प्राईवेट मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों को सूचना कानून के तहज सूचना देने को अनिवार्य बताया है। यह आदेश यशवंतराव चवन इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल एवं अपीलीय अधिकारी और जन सूचना अधिकारी के ख़िलाफ़ राजकुमार भोयर द्वारा की गई शिकायत की सुनवाई के बाद दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए दो फैसलों को आधार बनाते हुए पाटिल ने कहा- सभी प्राईवेट इंजीनियरिंग और मेडिकल संस्थान विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, अखिल भारतीय तकनीकि शिक्षा परिषद और मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया द्वारा संचालित होते हैं। इस कारण वे सूचना देने को बाध्य हैं। अब तक यह प्राईवेट कॉलेज सूचना ने देने के पीछे तर्क देते थे कि उन्हें न तो सरकार द्वारा संचालित किया जाता है और न ही उन्हें सरकारी अनुदान प्राप्त होता है, इसलिए वे सूचना कानून के दायरे से बाहर हैं। लेकिन सूचना आयुक्त के इस फैसले ने उनकी मंशा पर पानी फेर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए दो फैसलों को आधार बनाते हुए पाटिल ने कहा- सभी प्राईवेट इंजीनियरिंग और मेडिकल संस्थान विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, अखिल भारतीय तकनीकि शिक्षा परिषद और मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया द्वारा संचालित होते हैं। इस कारण वे सूचना देने को बाध्य हैं। अब तक यह प्राईवेट कॉलेज सूचना ने देने के पीछे तर्क देते थे कि उन्हें न तो सरकार द्वारा संचालित किया जाता है और न ही उन्हें सरकारी अनुदान प्राप्त होता है, इसलिए वे सूचना कानून के दायरे से बाहर हैं। लेकिन सूचना आयुक्त के इस फैसले ने उनकी मंशा पर पानी फेर दिया है।
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