शनिवार, 30 अगस्त 2008

अदालत ने दिया सरकार को आदेश

इलाहबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को फरमान जारी करके मुख्यमन्त्री विवेकाधीन कोष से एक लाख रुपये से अधिक के लाभार्थियों की सूचना देने को कहा है. सूचना का अधिकार का प्रयोग करते हुए कांग्रेस के मुख्या प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री कार्यालय से 12 जून 2007 को एक सूचना के तहत उन लाभार्थियों की सूची मांगी थी जिन्हें 28 अगस्त 2003 से 31 मार्च 2007 के बीच मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से एक-एक लाख रुपये से अधिक की सहायता दी गई थी. जनसूचना अधिकारी द्वारा उक्त सूचना देने से मना करने पर अखिलेश प्रताप सिंह ने राज्य सूचना आयोग में शिकायत की. कार्यवाही किए जाने के पश्चात जनसूचना अधिकारी की और से आदेशों को चुनौती देते हुए न्यायलय में याचिका दायर की गई.
अदालत ने कहा है कि मुख्यमन्त्री विवेकाधीन कोष वास्तव में जनता का कोष है. इस कारण जनता को जानने का अधिकार है कि इस कोष से किसकी सहायता की गई है. इसके बारे में जानकारी देने में कोई बाधा नहीं है.

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