गुरुवार, 7 अगस्त 2008

केन्द्रीय सूचना आयोग 45 प्रतिशत अपीलों को निरस्त कर देता है

केन्द्रीय सूचना आयोग ने माना है कि वह अपने पास आने वाली 45 प्रतिशत द्वितीय अपील और शिकायतों को व्यावहारिक धरातल पर निरस्त कर देता है। साथ ही यह आयोग ने यह भी माना कि 27 प्रतिशत पंजीकृत अपील और शिकायतें प्रथम अपीलीय अधिकारी के पास पुन: प्रेषित कर दी जाती हैं। यह तथ्य आरटीआई कार्यकर्ता शैलेश गांधी द्वारा दायर आरटीआई आवेदन के जवाब से जाहिर हुए हैं। उन्होंने केन्द्रीय सूचना आयोग से अप्रैल 2007 से अप्रैल 2008 तक आयोग के पास आईं अपील और शिकायतों के साथ आयोग द्वारा पंजीकृत किए गए कुल मामलों की जानकारी मांगी थी।

केन्द्रीय सूचना आयोग ने जवाब में बताया कि पिछले एक साल में 22268 आरटीआई की कुल अपील और शिकायतें प्राप्त हुईं जिनमें से मात्र 12411 अपील और शिकायतों का पंजीकरण हुआ। श्री गांधी ने आवेदन में आयोग से यह प्रश्न भी किया कि वह अक्टूबर 2005 से अप्रैल 2008 के बीच पंजीकृत अपील और शिकायतों की संख्या बताए। साथ ही यह जानकारी भी मांगी कि कितनी अपीलों का निपटारा किया गया और कितनी वापस प्रथम अपीलीय अधिकारी को भेज दी गईं। आयोग ने जानकारी दी इस अवधि में कुल 19996 अपील और शिकायतें पंजीकृत की गईं जिनमें से 12895 अपीलों का निपटारा हुआ। निपटाए गए 7206 मामले यानि 56 प्रतिशत में आयोग ने सूचना देने के आदेश दिए। आवेदनकर्ता श्री गांधी ने इस स्थिति पर अफसोस जताया है। उन्होंने बताया कि आयोग को छोटी-छोटी गलतियों के कारण अपीलों को रद्द करने के बजाय व्यापक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।


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