शनिवार, 2 अगस्त 2008

आरटीआई इस्तेमाल करने पर कारगिल स्थानांतरण के बाद निलम्बन

मध्यप्रदेश में देवास जिले के केन्द्रीय विद्यालय के प्राईमरी शिक्षक मांगीलाल कजोडिया को सूचना का अधिकार के इस्तेमाल की सजा मिली है। इस कानून के माध्यम से भ्रष्टाचार उजागर करने के लिए पहले उनका स्थानांतरण कारगिल किया गया, जिसका विरोध करने पर अनेक आरोप लगाकर उन्हें अब नौकरी से निकाल दिया गया है। आरटीआई इस्तेमाल करने से पहले सब कुछ ठीक ठाक था। किसी को मांगीलाल के काम से कोई आपत्ति और शिकायत नहीं थी, लेकिन आरटीआई दायर करने और आयोग का उनके हक में फैसला आने के बाद अधिकारी बौखला गए। इसके बाद शुरू हुआ मांगीलाल को परेशान और प्रताडित करने का सिलसिला।

शिक्षक मांगीलाल अखिल भारतीय केन्द्रीय विद्यालय शिक्षक संघ से जुडे़ हुए हैं। उनका कहना है कि केन्द्रीय विद्यालय संगठन, दिल्ली मुख्यालय इस संघ को खत्म करने पर तुला हुआ है और इसके लिए उसने अनेक षडयंत्र रचे हैं। इन सभी षडयंत्रों की जानकारी कागजों पर उपलब्ध है। मांगीलाल ने अपने आरटीआई के आवेदन में इन्हीं कागजों का विवरण मांगा था। साथ ही आवेदन में उन्होंने संगठन की स्थानांतरण नीति के संबंध में जानकारी मांगी थी।

यह जानकारियों हासिल करने के लिए उन्होंने दिल्ली मुख्यालय में करीब 12 आरटीआई आवेदन दिए। प्रत्येक आवेदन में संगठन से अलग-अलग सूचनाएं मांगी गई। संगठन की ओर से जवाब न मिलने पर मामला केन्द्रीय सूचना आयोग पहुंचा। आयोग ने मंजूलाल के पक्ष में फैसला सुनाया और सख्ती संगठन से मांगी गई सूचनाएं उपलब्ध कराने के आदेश दिए। इसके अलावा आयोग ने मांगीलाल को 5000 हजार रूपये हर्जाने के रूप में देने के आदेश भी दिए। आयोग के फैसले के बाद भी मांगीलाल को सही सूचनाएं नहीं दी गईं।

मांगीलाल द्वारा दिए गए आरटीआई आवेदनों से खार खाकर केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने उनका स्थानांतरण देवास से कारगिल कर दिया। मांगीलाल ने अपने अवैध स्थानांतरण के विरोध में आवाज उठाई और सत्याग्रह पर बैठ गए। स्थानांतरण रद्द करने के लिए धरना, भूख हड़ताल और आमरण अनशन पर बैठने के बाद भी उनका स्थानांतरण रद्द नहीं हुआ। मांगीलाल ने इस संबंध में दिल्ली के आयुक्त को पत्र भी लिखा और कहा कि उनका कारगिल स्थानांतरण औचित्यहीन और बदले की भावना से किया गया है। चिट्ठी में उन्होंने अपील की कि उनका स्थानांतरण रद्द किया जाए।

दिल्ली में केन्द्रीय विद्यालय संगठन के आयुक्त को भेजे गए मांगीलाल के आवेदन पर विचार चल ही रहा था कि 9 जून को सहायक आयुक्त, भोपाल ने उन्हें नौकरी से निकालने का नोटिस जारी कर दिया। नोटिस में कहा गया कि देवस से कार्यमुक्त होने के बाद कारगिल के केन्द्रीय विद्यालय ज्वाइन ने करने पर मांगीलाल ने नौकरी का अधिकार खो दिया है। इसके अलावा भी मांगीलाल पर अनेक आरोप मंडित किए गए। मांगीलाल ने नोटिस को यह कहते हुए चुनौती दी कि 21 मई का उनका आवेदन दिल्ली में विचाराधीन है। उनके आवेदन पर निर्णय होने से पहले इस प्रकार का नोटिस देना विधि सम्मत नहीं है।

मांगीलाल ने अपने साथ होने वाले अन्याय की आवाज को सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे, मानव संसाधन विकास मंत्री अर्जुन सिंह, राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल , लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी सहित अनेक लोगों तक पहुंचाई है।


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