
सूचना आयोग ने यह सिफारिशें आरटीआई की एक अपील की सुनवाई के बाद दीं। अहमदाबाद निवासी दौलत जमनादास नाजरा ने अपनी एक आरटीआई अर्जी से कर्मचारी चयन आयोग से पूछा कि वह तीन दशकों में दिए गए वर्गीकृत विज्ञापनों की संख्या बताए। एसएससी ने यह विज्ञापन अपर डिवीजन क्लर्क और अन्य नियुक्तियों के संदर्भ में दिए थे। आयोग ने जमनादास नाजरा की अर्जी में पूछी गई सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराईं और इसके पीछे तर्क दिया कि संसाधनों और कर्मचारियों की कमी के चलते वह सूचना देने में असमर्थ है। एसएससी के इस तर्क से असंतुष्ट नाजरा ने अन्तत: केन्द्रीय सूचना आयोग में अपील की। प्रमुख सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला में उनके मामले की सुनवाई के बाद सरकार को सुझाव दिया है कि वह एसएससी को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाए।
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