सड़क निर्माण में हो रही धांधली का जीता जागता उदाहरण रायपुर के दरियाबंद क्षेत्र में देखने को मिला। इस क्षेत्र के कोसनी, फुलकर्रा, बावनडिग्गी और गजरा गांव में आपदा राहत के अन्तर्गत ग्राम पंचायत को सड़कें बनवानी थी, लेकिन यहां न तो सड़कें बनीं और जो सड़कें थीं, उन्हें भी बदतर हालात में पाया गया। आरटीआई के तहत जब सड़कों के बारे में सूचनाएं मांगी गईं तो यह तथ्य सामने आए।
जांच में पता चला कि सड़कें अपने मापदंड के अनुसार नहीं बनी हैं। सड़कों की चौड़ाई निर्धारित सीमा से कम है और उनमें लाल मिट्टी भी कम डाली गई है। इस मामले में जब सरपंच से पूछा गया कि तो उन्होंने कमीशन देने की बात कबूल की। साथ ही मस्टर रोल में भी फर्जी इंट्री पाई गई है। जो लोग काम में अक्षम और गांव में नहीं है उनकी इंट्री भी मस्टर रोल में दिखाई गई है। बहुत से मजदूरों ने काम न करने की बात स्वीकार है जबकि कागजों में उन्हें काम में दिखाया गया है।
दरियाबंद के आशीष शर्मा ने इस मामले में पंचायतों से विवरण निकलवाने के लिए आरटीआई दायर की। इस आरटीआई का असर यह हुआ कि इन प्रस्तावित सड़कों का निर्माण कार्य शुरू हो गया। साथ ही अधिकारियों ने इसमें की गई धांधली के जांच के आदेश भी दे दिए हैं।
जांच में पता चला कि सड़कें अपने मापदंड के अनुसार नहीं बनी हैं। सड़कों की चौड़ाई निर्धारित सीमा से कम है और उनमें लाल मिट्टी भी कम डाली गई है। इस मामले में जब सरपंच से पूछा गया कि तो उन्होंने कमीशन देने की बात कबूल की। साथ ही मस्टर रोल में भी फर्जी इंट्री पाई गई है। जो लोग काम में अक्षम और गांव में नहीं है उनकी इंट्री भी मस्टर रोल में दिखाई गई है। बहुत से मजदूरों ने काम न करने की बात स्वीकार है जबकि कागजों में उन्हें काम में दिखाया गया है।
दरियाबंद के आशीष शर्मा ने इस मामले में पंचायतों से विवरण निकलवाने के लिए आरटीआई दायर की। इस आरटीआई का असर यह हुआ कि इन प्रस्तावित सड़कों का निर्माण कार्य शुरू हो गया। साथ ही अधिकारियों ने इसमें की गई धांधली के जांच के आदेश भी दे दिए हैं।
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