सूचना आयुक्त ओ पी केजरीवाल ने नीरज कुमार बनाम उत्तर रेलवे के मामले की सुनवाई के दौरान जन सूचना अधिकारी के अनुपस्थित होने पर सहायक जन सूचना अधिकारी को ऐसी फटकार लगाई कि उसका असर 5 दिन में ही हो गया। इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख मिले इससे पहले ही विभाग ने नीरज कुमार का बकाया भुगतान कर दिया गया।
दरअसल पांडव नगर निवासी नीरज कुमार ने इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन से ऑनलाइन टिकट बुक किया था, लेकिन ऐन वक्त उनके जाने का कार्यक्रम बदल गया। नीरज कुमार ने अपना भुगतान प्राप्त करने के लिए टिकट जमा रसीद प्राप्त की और किराए की वापसी के लिए आवेदन पत्र भरकर नियत समय में उत्तर रेलवे में जमा कर दिया, लेकिन उनके आवेदन पर कोई कारवाई नहीं हुई।
इसके बाद नीरज ने सूचना के अधिकार को इस्तेमाल कर उत्तर रेलवे से इस बारे में जवाब मांगा, लेकिन तय समय सीमा के भीतर विभाग की ओर से नीरज को कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। अन्तत: मामला सूचना आयोग के पास पहुंचा। मामला की सुनवाई में उत्तर रेलवे का जन सूचना अधिकारी नहीं आया बल्कि उसकी जगह सहायक जन सूचना अधिकारी को भेजा गया। गौरतलब है कि सहायक जन सूचना अधिकारी की जगह जन सूचना अधिकारी की सुनवाई में उपस्थिति अनिवार्य है। पी आई ओ अनुपस्थित देख कमीश्नर ने सहायक जन सूचना अधिकारी को डांट लगाई जिसके परिणामस्वरूप नीरज का बकाया पैसा 5 दिनों में ही उनके बैंक अकाउंट में आ गया।
दरअसल पांडव नगर निवासी नीरज कुमार ने इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन से ऑनलाइन टिकट बुक किया था, लेकिन ऐन वक्त उनके जाने का कार्यक्रम बदल गया। नीरज कुमार ने अपना भुगतान प्राप्त करने के लिए टिकट जमा रसीद प्राप्त की और किराए की वापसी के लिए आवेदन पत्र भरकर नियत समय में उत्तर रेलवे में जमा कर दिया, लेकिन उनके आवेदन पर कोई कारवाई नहीं हुई।
इसके बाद नीरज ने सूचना के अधिकार को इस्तेमाल कर उत्तर रेलवे से इस बारे में जवाब मांगा, लेकिन तय समय सीमा के भीतर विभाग की ओर से नीरज को कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। अन्तत: मामला सूचना आयोग के पास पहुंचा। मामला की सुनवाई में उत्तर रेलवे का जन सूचना अधिकारी नहीं आया बल्कि उसकी जगह सहायक जन सूचना अधिकारी को भेजा गया। गौरतलब है कि सहायक जन सूचना अधिकारी की जगह जन सूचना अधिकारी की सुनवाई में उपस्थिति अनिवार्य है। पी आई ओ अनुपस्थित देख कमीश्नर ने सहायक जन सूचना अधिकारी को डांट लगाई जिसके परिणामस्वरूप नीरज का बकाया पैसा 5 दिनों में ही उनके बैंक अकाउंट में आ गया।
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