
सेंटर से भारतीय भौतिकी और रसायन के ओलिम्पयाड में बैठने वाले छात्रों की लिस्ट, रैंक और प्राप्तांक पूछे गए थे। आरटीआई आवेदन के जवाब में सेंटर के जन सूचना अधिकारी ने न केवल सूचनाएं देने से मना कर दिया बल्कि इस प्रकार की सूचनाओं को निजता पर हमला भी बताया। साथ ही यह दलील भी दी गई कि इस प्रकार की सूचनाएं छात्र और षिक्षक के बीच के पवित्र संबंध को हिंसक बना सकती हैं।
जन सूचना अधिकारी से सूचना ने मिलने पर दीपक फूरिया निराष नहीं हुए। सूचना के अधिकार पर पूर्ण विष्वास के साथ उन्होंने प्रथम अपीलीय अधिकारी के पास प्रथम अपील दायर की। अपीलीय अधिकारी पेरियास्वामी ने जन सूचना अधिकारी द्वारा दी गईं दलीलों से असहमति जताते हुए उसे निर्देष दिया कि वह आवेदक को मांगी गई सूचनाएं उपलब्ध कराए। इस निर्देष के बाद श्री फूरिया को वह सभी सूचनाएं मिल गई जिन्हें देने से पहले मना कर दिया गया था। गोपनीय मानी जाने वाली जिन सूचनाओं को पहले नहीं दिया जाता था अब वह सभी नागरिकों के लिए उपलब्ध हैं।
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