केन्द्रीय सूचना आयोग ने दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज के लोक सूचना अधिकारी सुधांशू पर 25 हजार का जुर्माना लगाया है। अधिकारी ने लॉ फेकल्टी के छात्र सर्वेश को मांगी गई सूचनाएं नहीं दी थीं।
सर्वेश ने 1 नवंबर 2006 को दिल्ली विश्वविद्यालय के लोक सूचना अधिकारी को चार आवेदन दिए थे। आवेदन कॉलेज के लोक सूचना अधिकारी को भेज दिए गए लेकिन अधिकारी ने सूचनाएं नहीं दीं।
सर्वेश ने 2005-06 में दाखिलों में हुई गड़बड़ियों की जांच के लिए जस्टिस एस एन अग्रवाल द्वारा की गई जांच रिपोर्ट और उसके आधार पर की गई कार्यवाई की जानकारी मांगी थी। कॉलेज ने इस जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया था। इसके अलावा कॉलेज में हो रहे निर्माण और प्रशासनिक अधिकारी की नियुक्ति के संबंध में भी जानकारी चाही थी। साथ ही समस्त दस्तावेजों का निरीक्षण भी करना चाहा था।
सूचना न मिलने पर आवेदक ने 21 मार्च 2007 को आयोग में शिकायत की। आयोग के आदेश और कारण बताओ का भी कॉलेज पर कोई असर नहीं हुआ। अन्तत: आयोग ने पाया कि अधिकारी ने जानबूझकर सूचना नहीं दी हैं और इसके लिए जुर्माना आवश्यक है। आयोग ने कहा कि चार आवेदनों के लिए अधिकारी पर 1 लाख का जुर्माना बैठता है लेकिन कानून को शुरूआती दौर में होने के कारण केवल 25 हजार का जुर्माना लगाया जाता है। आयोग ने कॉलेज के प्रिंसिपल को दो किस्तों में जुर्माना वसूलने के निदेश दिए। साथ ही कहा कि पहली किस्त 10 फरवरी और दूसरी किस्त 10 मार्च तक आयोग में पहुंच जाए।
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