तमिलनाडु राज्य सूचना आयोग में इस समय 7 सूचना आयुक्त कार्यरत हैं। तीन सूचना आयुक्त शुरूआत से और अन्य चार की नियुक्ति 2008 में की गई। सात सूचना आयुक्त होने के बावजूद साल 2008 में आयोग ने मात्र 880 मामलों की सुनवाई की हैं। अगस्त से दिसंबर के बीच 7 सूचना आयुक्तों ने केवल 517 सुनवाइयां कीं। मार्च के महीने में आयोग ने न्यूनतम 16 सुनवाइयों और सितंबर माह में अधिकतम 180 मामलों को सुना। एक तरफ तमिलनाडु सूचना आयोग हैं तो दूसरी तरफ केन्द्रीय सूचना आयोग जहां केन्द्रीय सूचना आयुक्त शैलेष गाँधी ने दिसंबर में 500 और जनवरी में 570 से अधिक मामलों का निपटारा किया है।
आरटीआई कार्यकर्ता वी माधव का मानना है कि तमिलनाडु में सूचना आयुक्त अपनी क्षमता का मात्र 7.5 प्रतिशत ही इस्तेमाल कर रहे हैं। उनके अनुसार सूचना एक आयुक्त दिन में 10 सुनवाइयां आसानी से कर सकते हैं। ऐसा करने से हर महीने सात सूचना आयुक्त 20 दिनों में 1400 सुनवाइयां कर सकते हैं।
जनता के पैसों से कार, वातानुकूलित ऑफिस, चपरासी, मोटी तनख्वाह आदि सुविधाएँ पाने वाले इन सूचना आयुक्तों की पूरे साल में की गई सुनवाइयों का लेखा जोखा इस प्रकार है-
माह सुनवाइयां
जनवरी 66
फरवरी 41
मार्च 16
अप्रैल 98
मई 26
जून 64
जुलाई 92
अगस्त 118
सितंबर 180
अक्टूबर 71
नवंबर 68
दिसंबर 80
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