बुधवार, 9 जुलाई 2008

गोपनीय मानी जाने वाली सूचनाएं हुई हासिल

दीपक फूरिया तरूण मि़त्र मंडल और महाधिकार नामक गैर सरकारी संस्था के सक्रिय सदस्य हैं। यह संस्था सूचना के अधिकार कानून के प्रचार-प्रसार का कार्य करती है। दीपक ने सूचना के अधिकार के तहत मुंबई के होमी भाभा सेंटर फोर साइंस एजुकेषन से सूचनाएं मांगी थीं। होमी भाभा सेंटर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विज्ञान और एस्ट्रोनामी के उम्मीदवारों का चयन करने वाली एक नोडल एजेन्सी है।
सेंटर से भारतीय भौतिकी और रसायन के ओलिम्पयाड में बैठने वाले छात्रों की लिस्ट, रैंक और प्राप्तांक पूछे गए थे। आरटीआई आवेदन के जवाब में सेंटर के जन सूचना अधिकारी ने न केवल सूचनाएं देने से मना कर दिया बल्कि इस प्रकार की सूचनाओं को निजता पर हमला भी बताया। साथ ही यह दलील भी दी गई कि इस प्रकार की सूचनाएं छात्र और षिक्षक के बीच के पवित्र संबंध को हिंसक बना सकती हैं।
जन सूचना अधिकारी से सूचना ने मिलने पर दीपक फूरिया निराष नहीं हुए। सूचना के अधिकार पर पूर्ण विष्वास के साथ उन्होंने प्रथम अपीलीय अधिकारी के पास प्रथम अपील दायर की। अपीलीय अधिकारी पेरियास्वामी ने जन सूचना अधिकारी द्वारा दी गईं दलीलों से असहमति जताते हुए उसे निर्देष दिया कि वह आवेदक को मांगी गई सूचनाएं उपलब्ध कराए। इस निर्देष के बाद श्री फूरिया को वह सभी सूचनाएं मिल गई जिन्हें देने से पहले मना कर दिया गया था। गोपनीय मानी जाने वाली जिन सूचनाओं को पहले नहीं दिया जाता था अब वह सभी नागरिकों के लिए उपलब्ध हैं।


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