पुस्तकों के प्रकाशन में अग्रणी भूमिका निभाने वाली संस्था नेशनल बुक ट्रस्ट (एन बी टी) ने एक आरटीआई आवेदन के जवाब में एक पुस्तक के मुखपृष्ठ पर धूम्रपान करते चित्र को छापने पर खेद व्यक्त किया है और अपनी गलती मानी है। ट्रस्ट ने भविष्य में इसे दोहराए न जाने की बात भी कही है। फरीदाबाद के रहने वाले गौरव बजाज ने आरटीआई आवेदन के जरिए धूम्रपान करते चित्र पर एनबीटी का स्पष्टीकरण मांगा था। दरअसल गजानन माधव मुक्तिबोध की गद्य रचना `डबरे पर सूरज का बिंब´ पुस्तक के मुखपृष्ठ पर छपे चित्र पर आवेदक को आपत्ति थी। पुस्तक के मुखपृष्ठ पर मुक्तिबोध को धूम्रपान करते दिखाया गया था।
आवेदन में गौरव बजाज ने पूछा था कि धूम्रपान को प्रोत्साहित करने वाला यह चित्र किसकी गलती से छप गया और इसके लिए जिम्मेदार कौन है? आवेदन में गौरव ने कहा कि चित्र से धूम्रपान विरोधी चल रहे अभियान को इस पुस्तक ने किसी न किसी रूप में नुकसान पहुंचाया है। इस नुकसान की क्षतिपूर्ति कैसे होगी। आवेदक ने यह भी पूछा कि आने वाले समय में ऐसी गंभीर चूकें न हों इस सिलसिले में नेशनल बुक ट्रस्ट क्या कदम उठाएगा।
आवेदन का जवाब देते हुए एनबीटी ने धूम्रपान करते चित्र छापने की गलती स्वीकार करते हुए कहा कि एनबीटी इसके लिए स्वयं को जिम्मेदार मानता है। ट्रस्ट ने यह भी कहा कि एनबीटी इस चूक का निराकरण भविष्य में पुस्तक का मुखपृष्ठ बदलकर किया जाएगा। साथ ही यह भी कहा कि भविष्य में ऐसी चूकें न हों, इसके लिए ट्रस्ट और अधिक सर्तकता बरतेगा।
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