सूचना के अधिकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम में धांधली के लिए उत्तरदायी एक सचिव को निलंबित करवा दिया है। साथ ही काम में लगे मजदूरों को करीब 2 लाख रूपये का भुगतान भी संभव हुआ है। मजदूरों के साथ धोखे और योजना के जिम्मेदार सचिव ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत एक तालाब के निर्माण में कार्यरत मजदूरों के भुगतान में अनियमितता बरती थी।
एक आरटीआई आवेदन के जरिए यह खुलासा हुआ है। इस आवेदन में ग्राम पंचायत सर्कल, बांदा से राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत इस क्षेत्र की पंचायत द्वारा करवाए जा रहे काम की जानकारी मांगी गई थी। आवेदन में पूछा गया था कि इस योजना के तहत जो तालाब निर्माण का कार्य चल रहा है, उसमें कितने लोगों को काम मिला है और कितनों को मजूदरी का भुगतान किया गया है।
ध्यान देने की बात है कि योजना के तहत बन रहे तालाब का बजट 13 लाख रूपये है और इसमें करीब डेढ़ सौ मजदूर काम कर रहे हैं । आवेदन के बाद जो जानकारी निकलकर आई उससे पता चला कि यहां काम में लगे मजदूरों को एक माह से भुगतान नहीं किया गया है। जबकि नियमानुसार मजदूरों को सात दिनों के भीतर भुगतान मिल जाना चाहिए।
इस प्रकार की धांधली को देखते हुए मुख्य विकास अधिकारी हीरामणि मित्रा ने मौके पर पहुंचे और जांच में सचिव को दोषी पाया गया। दोषी सचिव को तुरंत निलंबित कर दिया गया और दूसरे सचिव का नियुक्त किया गया। इसके अलावा जिन मजदूरों को समय पर मजदूरी नहीं मिली थी, उन्हें करीब 2 लाख की राशि तत्काल आबंटित की गई।
एक आरटीआई आवेदन के जरिए यह खुलासा हुआ है। इस आवेदन में ग्राम पंचायत सर्कल, बांदा से राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत इस क्षेत्र की पंचायत द्वारा करवाए जा रहे काम की जानकारी मांगी गई थी। आवेदन में पूछा गया था कि इस योजना के तहत जो तालाब निर्माण का कार्य चल रहा है, उसमें कितने लोगों को काम मिला है और कितनों को मजूदरी का भुगतान किया गया है।
ध्यान देने की बात है कि योजना के तहत बन रहे तालाब का बजट 13 लाख रूपये है और इसमें करीब डेढ़ सौ मजदूर काम कर रहे हैं । आवेदन के बाद जो जानकारी निकलकर आई उससे पता चला कि यहां काम में लगे मजदूरों को एक माह से भुगतान नहीं किया गया है। जबकि नियमानुसार मजदूरों को सात दिनों के भीतर भुगतान मिल जाना चाहिए।
इस प्रकार की धांधली को देखते हुए मुख्य विकास अधिकारी हीरामणि मित्रा ने मौके पर पहुंचे और जांच में सचिव को दोषी पाया गया। दोषी सचिव को तुरंत निलंबित कर दिया गया और दूसरे सचिव का नियुक्त किया गया। इसके अलावा जिन मजदूरों को समय पर मजदूरी नहीं मिली थी, उन्हें करीब 2 लाख की राशि तत्काल आबंटित की गई।
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