इस वर्ष एम्स के पी.जी. कोर्स में प्रवेश लेने वाले लगभग 30% छात्र बीच सत्र में नामांकन रद्द करा कर किसी और संस्था में चले गये। जिसके कारण इस हाई प्रोफाइल संस्था की 70 सीटें खाली रह गईं। सूचना के अधिकार के तहत यह जाकारी एम्स प्रशासन ने दी है।
पिछले तीन सालों में 138 छात्रों ने एम्स का पी.जी. कोर्स प्रवेश लेने के बाद छोड़ा है। 2010 में 240 छात्रों ने प्रवेश लिया जिसमें से 70 छोड़ कर चले गये। 2009 में 180 में से 37 और 2008 में 160 में से 31 छात्रों ने एम्स छोड़ कर किसी और संस्था में प्रवेश लिया।
इतनी सीटें खाली रहने के बावजूद भी इस वर्ष जुलाई में एम्स प्रशासन ने बिना कोई कारण बताये ओपन काउंसलिंग पर रोक लगा दिया। अब कोई एम्स प्रशासन से यह पूछे कि उनके इस फैसले से करदाताओं का जो लाखों रूपया बर्बाद हो रहा उसकी भरपाई कौन करेगा?
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