झारखण्ड में सरायकेला ज़िले की निवासी अनु पाणी ने तमिलनाड़ु के विनायका मिशन विश्विद्यालय से एम.फिल (इतिहास) की परीक्षा दी. अनु ने परीक्षा पास कर ली लेकिन अंक पत्र में उनके पिता का नाम गलत लिखा हुआ था। इसी शिकायत विश्वविद्यालय के जमशेदपुर स्थित अध्ययन केन्द्र से की गई, कोई एक्शन नहीं हुआ, कोलकाता स्थित मुख्य कार्यालय में की तो भी कुछ नहीं हुआ। डेढ़ साल बीतने पर अनु के भाई ए.सी.पाणी ने यूजीसी, विश्वविद्यालय के कुल सचिव तथा परीक्षा नियन्त्रक को पत्र लिखे लेकिन वहां से भी कोई जवाब नहीं मिला। हारकर पाणि ने सूचना के अधिकार के तहत यूजीसी तथा एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटीज़ से पूछा कि उनकी शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई है। सूचना के अधिकार का आवेदन मिलते ही यूजीसी हरकत में आ गया। उसने तुरन्त विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को नोटिस भेजा। सूचना अधिकार आवेदन दाखिल करने के 20 दिन के अन्दर जमशेदपुर के केन्द्र निदेशक ने अनु और उनके भाई को व्यक्तिगत रूप से बुलाकर नया अंक पत्र सौंपा।
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