हरियाणा के शिक्षा विभाग में दायर सूचना के अधिकार आवेदन से जानकारी मिली है कि राज्य के लगभग 50 प्रतिशत स्कूलों में हेडमास्टर नहीं हैं। हेडमास्टरों के 2004 पदों में से 984 पद रिक्त पडे़ हैं। इनमें 607 पद हाईस्कूल और 377 पद मिडिल स्कूल के हेडमास्टरों के हैं। हरियाणा के जीन्द निवासी सतपाल द्वारा दाखिल आरटीआई आवेदन के जवाब में यह जानकारी मिली है।
शिक्षा विभाग के मुताबिक हेडमास्टरों के 75 प्रतिशत पद शिक्षकों को पदोन्नत करके भरे जाते हैं जबकि 25 प्रतिशत हेडमास्टरों की सीधी नियुक्ति होती है। स्कूलों की यह स्थिति हाल ही में 426 हेडमास्टरों की नियुक्ति के बाद है। मिडिल स्कूलों में 377 रिक्त पदों के अलावा 12 सौ अन्य मिडिल स्कूल ऐसे हैं जिनमें हेडमास्टरों की कोई व्यवस्था नहीं है, जबकि ये स्कूल शिक्षा विभाग के सभी मापदंडों पर खरे उतरते हैं।
राज्य में शिक्षा के हालात का अंदाजा फतेहगढ़ जिले के गोरखपुर गांव के बालिका उच्च विद्यालय को देखकर लगाया जा सकता है। इस स्कूल को लगभग 7 महीने पहले हेडमास्टर नसीब हुआ है, वह भी 14 साल बाद। स्थानीय निवासियों और विधायक के दखल देने के बाद ही स्कूल को शिक्षक और हेडमास्टर मिल पाए। निकटवर्ती मोची और चोबारा गांव के स्कूलों की दशा भी बेहतर नहीं है। दोनों स्कूल बिना हेडमास्टर के चल रहे हैं।
सूचना के अधिकार के जरिए इस खुलासे के बाद शिक्षा मंत्री राजन गुप्ता ने खाली पदों को भरने का आश्वासन दे दिया है। हालांकि उन्होंने माना है कि पिछले कई सालों से पदोन्नति से भरे जाने वाले पद अनेक कारणों के चलते नहीं भरे गए हैं।
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