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गुरुवार, 10 जुलाई 2008

कोताही बरतने पर सख्त हुआ आयोग

अपने काम में कोताही बरतने वाले अधिकारियों पर सूचना के अधिकार के माध्यम से गाज गिरनी शुरू हो गई है। ऐसी ही एक गाज गिरी है चेन्नई के एक तहसीलदार और उप तहसीलदार पर जिन्होंने समुदाय प्रमाण पत्र बनाने के कोताही बरती थी। तमिलनाडु राज्य सूचना आयोग ने चेन्नई के जिला कलेक्टर का निर्देश दिया है कि वह तहसीलदार और उप तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई करे। केन्द्रीय सूचना आयोग के चेयरमेन एस रामकृष्णन ने जी थामीजेन्धी की अपील की सनुवाई के बाद यह निर्णय दिया।
दरअसल श्री थामीजेन्धी ने अंतरजातीय विवाह किया था। राज्य सरकार की ओर से अन्तरजातीय विवाह करने वालों को 20000 रूपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। यही राशि प्राप्त करने के लिए उन्होंने समुदाय प्रमाण पत्र के अलावा आवास और आय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए तहसीलदार और उप तहसीलदार से संपर्क किया था। ताल्लुक कार्यालय में अपनी पत्नी सहित दो महीने में कम से कम 30 चक्कर काटने के बाद भी उनका प्रमाण पत्र नहीं बना।
अन्त में सूचना के अधिकार के माध्यम से थामीजेन्धी ने अपील की लेकिन प्रथम अपील से उनकी समस्या का कोई हल नहीं निकला। अन्तत: मामला राज्य सूचना आयोग के पास पहुंचा। आयोग ने मामले को गंभीरता से लेते हुआ जिला कलेक्टर का निर्देष दिया कि वह इसके लिए दोषी अधिकारियों के खिलाफ तमिलनाडु गवर्नमेंट सर्वेन्ट्स रूल्स के अनुसार कार्रवाई करे और तीन माह के भीतर इसकी जांच रिपोर्ट आयोग के समक्ष प्रस्तुत करे। साथ ही आयोग ने कहा कि कलेक्टर यह सुनिश्चित करे कि आवेदक को 20000 रूपये की राशि प्राप्त हो।

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