सूचना का अधिकार अब ऐसी सूचनाओं पर सेंध लगा रहा है जहॉ तक किसी भी कानून की पहुंच नहीं थी। जिसे अब तक कभी सुरक्षा तो कभी निजता का नाम पर रोका जाता था वह इस अधिकार के माध्यम से आम जनों में पहुंच रहा है।
राष्ट्रपति भवन का सालाना बिजली बिल करीब ४ करोड़ रुपये है। पिछले चार साल का सिर्फ राप्ट्रपति भवन का बिजली बिल १६ करोड़ रुपये है और प्रधानमंत्री आवास और उसके कार्यालय का बिजली बिल पिछले तीन सालों में ३७ लाख रुपये आया है।
दिल्ली के एक व्यवसायी चेतन कोठारी के द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचना के जवाब में यह जानकारी दी गई है। राप्ट्रपति भवन ने पिछले पांच सालों में लगभग तीन करोड़ बिजली यूनिट खर्च किया है और प्रधानमंत्री कार्यालय ने करीब सात लाख यूनिट बिजली का खर्च पिछले तीन सालों में की है। साथ ही जवाब में बताया है कि सिर्फ प्रधानमंत्री आवास के लिए कोई जेनेरेटर सुविधा नहीं है, जबकि जेनेरेटर सुविधा मुख्यत: सुरक्षा व्यवस्था, हर्टीक्लचर पंप और प्रधानमंत्री कार्यालय के आपात कालीन सेवा के लिए है। हालांकि राप्ट्रपति भवन के लिए दो जेनेरेटर 310 के वी ऐ का लगाया गया है। जबकि एक आंकड़े के अनुसार भारत की प्रति व्यक्ति बिजली का खर्च करीब ३९३ के दब्लुए एच प्रति वर्ष है। और भारत के 66 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र बिजली के पहुँच के बाहर है और दुनिया के कुल बिजली के बिना रहने वाले जनसंख्या में अकेले 35 प्रतिशत भारत में रहते है। आरजीकर्ता कोठारी ने गॉधी जी तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने बिजली लाने के लिए बहुत प्रयास किए थे। साथ ही कहा कि हमारे देश में बिजली की बहुत किल्लत है।
अपना पन्ना की ओर से
दिल्ली के एक व्यवसायी चेतन कोठारी के द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचना के जवाब में यह जानकारी दी गई है। राप्ट्रपति भवन ने पिछले पांच सालों में लगभग तीन करोड़ बिजली यूनिट खर्च किया है और प्रधानमंत्री कार्यालय ने करीब सात लाख यूनिट बिजली का खर्च पिछले तीन सालों में की है। साथ ही जवाब में बताया है कि सिर्फ प्रधानमंत्री आवास के लिए कोई जेनेरेटर सुविधा नहीं है, जबकि जेनेरेटर सुविधा मुख्यत: सुरक्षा व्यवस्था, हर्टीक्लचर पंप और प्रधानमंत्री कार्यालय के आपात कालीन सेवा के लिए है। हालांकि राप्ट्रपति भवन के लिए दो जेनेरेटर 310 के वी ऐ का लगाया गया है। जबकि एक आंकड़े के अनुसार भारत की प्रति व्यक्ति बिजली का खर्च करीब ३९३ के दब्लुए एच प्रति वर्ष है। और भारत के 66 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र बिजली के पहुँच के बाहर है और दुनिया के कुल बिजली के बिना रहने वाले जनसंख्या में अकेले 35 प्रतिशत भारत में रहते है। आरजीकर्ता कोठारी ने गॉधी जी तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने बिजली लाने के लिए बहुत प्रयास किए थे। साथ ही कहा कि हमारे देश में बिजली की बहुत किल्लत है।
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