आरटीआई के तहत सही समय पर सूचना नहीं देने के कारण इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सहायक रजिस्ट्रार मो. इस्तियाक के खिलाफ उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग ने 25000 रफपये का जुर्माना लगाया है। राज्य सूचना आयुक्त विरेन्द्र सक्सेना ने अजय पोइया के अपील पर सुनवाई के बाद मो. इस्तियाक पर यह जुर्माना लगाया है। अजय पोइया ने एडीशनल चीफ जूडिशियल मजिस्ट्रेट भगवान सिंह जब मथुरा में तैनात थें उस समय उनके खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के सम्बंध् में सूचना मांगी थी। जब मामला सूचना आयोग में पहुंचा तो मो. इस्तियाक ने सूचना देने के लिए 40 दिनों का समय मांगा, जिसे आयोग ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद भी अजय को सूचना नहीं दी गई। सूचना आयुक्त विरेन्द्र सक्सेना ने इसे घोर लापरवाही मानते हुए मो. इस्तियाक के खिलाफ 25000 रुपए का जुर्माना लगा दिया। जुर्माने की राशि मो. इस्तियाक के वेतन से काटी जायेगी। सूचना आयुक्त ने यह भी कहा है कि अगली सुनवाई तक सूचना नहीं उपलब्ध् कराने की स्थिति में मो. इस्तियाक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाई का अदेश भी दिया जा सकता है।
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