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सोमवार, 2 मार्च 2009

मिली पेंशन की बकाया राशि

अहमदाबाद के मणिनगर इलाके में रहने वाली निरंजनाबेन ने 37 सालों तक अहमदाबाद के निगम स्कूल में बतौर सहायक शिक्षिका के रूप में सेवाएं दीं लेकिन रिटायरमेंट के बाद उनकी पेंशन निर्धारित करते वक्त अनेक प्रकार की अनिमितता बरती गईं। सूचना के अधिकार का इस्तेमाल कर गड़बड़ियां जाननी चाही तो 5 लाख से अधिक राशि उन्हें मिल गई।
दरअसल, निरंजनाबेन ने 24 जुलाई 2006 को निगम के प्राथमिक शिक्षा समिति के लोक सूचना अधिकारी से इस मामले में जवाब तलब किया था। सूचना यह कहकर देने से मना कर दी गई कि निरंजनाबेन की सर्विस बुक को स्थानीय निधि कार्यालय भेज दिया गया है, सूचना वहां से उपलब्ध होने पर दी जाएगी। सूचना न मिलने पर प्रथम अपील और फ़िर मामला सूचना आयोग गया जहां आयोग ने सात दिनों के भीतर सूचना देने का आदेश पारित किया। लेकिन निगम ने आयोग के आदेश को भी नहीं माना। तब आयोग को धारा 20 के तहत कारण बताओ नोटिस जारी करना पड़ा। आयोग के नोटिस के बाद निगम हरकत में आया और निरंजनाबेन की ग्रेच्युटी, ऐरियर्स, अर्न लीव आदि के करीब 5 लाख रुपए जारी कर दिए।

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