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मंगलवार, 3 फ़रवरी 2009

पांच महीने बाद सूचना देने के लिए मांगे दस रुपए प्रति पेज

लुधियाना के जिला वन अधिकारी महावीर सिंह ने आरटीआई आवेदनकर्ता हितेन्द्र जैन को मॉल, विवाहघर और अन्य इमारतों के निर्माण के लिए काटे गए पेड़ों के संबंध में सूचना देने के लिए 5 महीने बाद जवाब दिया, जिसमें आवेदक से 10 रुपए प्रतिपेज के हिसाब पैसे जमा कराने को कहा गया। गौरतलब है कि पंजाब में सूचना देने के लिए 2 रुपए प्रतिपेज का शुल्क निर्धारित है। साथ ही 30 दिन की निर्धारित अवधि में सूचना उपलब्ध न कराने पर नि:शुल्क सूचना देने का प्रावधान है। लेकिन लगता है जिला वन अधिकारी कानून के प्रावधानों से अनभिज्ञ हैं।
गैर सरकारी संस्था रिसरजेंस इंडिया के सचिव हितेन्द्र जैन ने 15 जुलाई 2008 को दाखिल आवेदन में इमारतों के निर्माण के लिए काटे गए पेड़ों के बारे में वन अधिकारी कार्यालय से जवाब तलब किया था। 30 दिन की तय समय सीमा के भीतर हितेन्द्र जैन को कोई जवाब नहीं मिला लेकिन लगभग 5 महीने बाद 12 दिसंबर को विभाग की तरफ से एक पत्र प्राप्त हुआ जिसमें आवेदक को सूचना प्राप्त करने के लिए 10 रुपए प्रति पेज के हिसाब से शुल्क जमा कराने को जरूर कहा गया।

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