बिहार के मधुबनी जिले के झंझारपुर प्रखंड के लोहना उत्तरी पंचायत निवासी मलय नाथ मिश्र को परीक्षा में फेल कर दिया गया था, लेकिन आरटीआई के माध्यम से जब इसकी जांच हुई तो वे न केवल उत्तीर्ण हुए बल्कि प्रथम श्रेणी भी हासिल की। दैनिक हिन्दुस्तान के स्थानीय संवाददाता मलय नाथ मिश्र नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता और जनसंचार विषय पर दो साल का स्नाकोत्तर कोर्स कर रहे थे।
उन्होंने दूसरे वर्ष की परीक्षाएं दी थीं। अच्छे परीक्षाफल की आस लगाए बैठे मलय नाथ उस समय आश्चर्य हुआ जब परीक्षा में उन्हें फेल कर दिया गया। विश्वविद्यालय से प्राप्त परीक्षाफल को स्वीकार करने के बजाय उन्होंने दिसंबर 2007 में आरटीआई के माध्यम से नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक के यहां इसे चुनौती दी और विश्वविद्यालय प्रशासन से इस संबंध में जवाब तलब किया।
मलय नाथ मिश्र के आरटीआई आवेदन ने असर दिखाया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने आवेदन मिलते ही मामले की जांच की और उसे अपनी भूल का आभास हुआ। जांचोपरांत आवश्यक कारवाई करने के बाद मलय नाथ मिश्र को ६१.२५ प्रतिशत अंक प्राप्त हुए।
उन्होंने दूसरे वर्ष की परीक्षाएं दी थीं। अच्छे परीक्षाफल की आस लगाए बैठे मलय नाथ उस समय आश्चर्य हुआ जब परीक्षा में उन्हें फेल कर दिया गया। विश्वविद्यालय से प्राप्त परीक्षाफल को स्वीकार करने के बजाय उन्होंने दिसंबर 2007 में आरटीआई के माध्यम से नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक के यहां इसे चुनौती दी और विश्वविद्यालय प्रशासन से इस संबंध में जवाब तलब किया।
मलय नाथ मिश्र के आरटीआई आवेदन ने असर दिखाया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने आवेदन मिलते ही मामले की जांच की और उसे अपनी भूल का आभास हुआ। जांचोपरांत आवश्यक कारवाई करने के बाद मलय नाथ मिश्र को ६१.२५ प्रतिशत अंक प्राप्त हुए।
This is a great victory of RTI that a person who has been failed due to the neglience of examiners has been declared pass with first division,this shows that RTI is a strong tool in the hands of the citizens of INDIA to sort out there problems
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